Skip to content
Scan a barcode
Scan
Hardcover Janos Arany: Kathageet evam Kavitayen [Hindi] Book

ISBN: 9387462188

ISBN13: 9789387462182

Janos Arany: Kathageet evam Kavitayen [Hindi]

यानोश आरन्य (1817-1882) हंगरी के महान कवि हैं और हंगरी अपने इस कवि की 200वीं जयंती मना रहा है। यानोश आरन्य निबन्धकार, आलोचक और अनुवादक भी रहे हैं। 'यानोश आरन्य कथागीत एवं कविताएँ' के इस संग्रह में उनकी कुछ कविताएँ और महाकाव्यात्मक अंश प्रस्तुत हैं। सुरेश सलिल, इंदु मज़लदन, इंदुकांत आंगिरस, हिमानी पाराशर और इंदरप्रीत कौर ने इन कविताओं का अनुवाद मारगित कोवैश के साथ किया है और गिरधर राठी ने सहयोग किया। इस संग्रह का सम्पादन मारगित कोवैश ने किया है।यानोश आरन्य हंगरी में उस समय एक संघर्ष चला जिसके अन्तर्गत हंगेरियन संस्कृति एवं साहित्य की स्वायत्त और जीवन्त सांस्कृतिक जड़ों का महत्त्व प्रस्तुत किया गया। इन प्रयासों में हंगेरियन राष्ट्रीय अभिजात वर्ग की भूमिका अहम रही। राष्ट्रीय आदर्श यानोश आरन्य और पैतोफि के कार्यों में प्रकट थे। राष्ट्रीय आभिजात्यवाद, मौखिक परम्परा और साहित्यिक कार्य में जनता, किसान और अन्य सामाजिक समूहों को शामिल किया गया। ये अठारहवीं शताब्दी में शुरू हुआ और पैतोफि और यानोश आरन्य के कार्यों में प्रभावशील रहा। पचास, साठ और सत्तर के दशक में पाल ज्युलोई (1826-1909) किश्फालुदी साहित्यिक संस्था के अध्यक्ष थे और बुदाप

Recommended

Format: Hardcover

Condition: New

$30.99
50 Available
Ships within 2-3 days

Related Subjects

Fiction Literature & Fiction

Customer Reviews

0 rating
Copyright © 2025 Thriftbooks.com Terms of Use | Privacy Policy | Do Not Sell/Share My Personal Information | Cookie Policy | Cookie Preferences | Accessibility Statement
ThriftBooks ® and the ThriftBooks ® logo are registered trademarks of Thrift Books Global, LLC
GoDaddy Verified and Secured