भूमिका बदलते खेती के खेतों में, जहाँ उपभोक्ता चुनते हैं जागरूकताकभी सोचा है, खेतों में भी क्रांति का तूफान चल रहा है? वो ज़माना गया, जब किसान सिर्फ फसल उगाते थे और बिक्री की चिंता व्यापारियों की होती थी। आज का उपभोक्ता जागरूक है, जिसे सिर्फ स्वादिष्ट फल-सब्जी नहीं चाहिए, बल्कि वो जानना चाहता है कि उसकी थाली तक पहुंचने का सफर कैसा रहा। वो पूछता है - "ये सब कैसे उगा? कौन उगाया? क्या ये पर्यावरण के लिए हानिकारक तो नहीं?"इसी जागरूकता के चलते, खेती का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। अब यहां ब्रांडिंग का तराना बज रहा है। जी हां, वही ब्रांडिंग, जो पहले कंपनियों और फैशन की दुनिया तक सीमित थी, अब खेतों में भी अपना जादू दिखा रही है।ये पुस्तक आपको इसी बदलाव की यात्रा पर ले चलती है। हम देखेंगे कि कैसे जागरूक उपभोक्ता के बदलते स्वाद और चिंताओं ने खेती के तौर-तरीकों को बदलकर रख दिया है। किसान अब सिर्फ पैदावार नहीं कर रहे, वो अपने खेतों में ब्रांड्स खड़ी कर रहे हैं। वो अपने उत्पादों को कहानी सुना रहे हैं, ताकि उपभोक्ता उनसे जुड़ सकें और विश्वास कर सकें।लेकिन ये सफर इतना आसान नहीं है। कई मिथक और भ्रांतियां हैं, जो इस रास्ते में रोड़े अटकाते हैं। हम इ
ThriftBooks sells millions of used books at the lowest everyday prices. We personally assess every book's quality and offer rare, out-of-print treasures. We deliver the joy of reading in recyclable packaging with free standard shipping on US orders over $15. ThriftBooks.com. Read more. Spend less.