पुस्तक परिचय/लेखकीय तेरे अल्फ़ाज़ को नग़मों में गीत संग्रह फिल्म की तरह के गीतों का अद्भुत संग्रह है। मानव मन की हलचलों को शब्दों उतारना और वह भी गीत के माध्यम से आप तक पहुँचाना बड़ा मुश्किल कार्य है। जिस तरह का गीत-संगीत अब सुनने को मिलता है वह कानों में अधिक देर नहीं टिक पाता। कभी-कभी लगता है हमारी शास्त्रीय संस्कृति के साथ खिलवाड़ हो रहा है। आधुनिक डिजिटल प्रणाली ने इसमें सेंध लगायी है। तमाम प्रयासों के बाबजूद कलाकार अपनी प्रतिभा जनसामान्य तक लाने में असमर्थ है। कदम-कदम पर ऐसी बाधायें हैं जिन्हें पार करना असम्भव लगता है। मैं भी चाहता था कि मेरे गीत फिल्मों में आयें परन्तु यही बाधायें इर्द-गिर्द मेरा पीछा करती रही। इस गीत संग्रह में मैंने सभी तरह के मनोरंजक व दिल को छू लेने वाले गीतों का सृजन किया है। गीतों को मैं लगातार लिखता रहा हूँ और लिखता रहूँगा। मेरे ये गीत फिल्मों तक न पहुंच पाये तो क्या आप इन्हें सोशल मीडिया फेस बुक के माध्यम से पढ़ते रहे हैं और अब गीत संग्रह के माध्यम से पढ़ेंगे। कैलाश चन्द्र यादव 'गीतकार' काशीपुर जिला ऊधमसिंहनगर उत्तराखण्ड तेरे अल्फ़ाज़ को नग़मों मे गीत -कैलाश चन्द्र यादव
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