जब मनुष्य को अपनी शारीरिक एवं मानसिक शक्तियों द्वारा किसी कार्य की सिद्धि में सफलता नहीं मिलती तो वह अलौकिक शक्तियों का सहारा ढूंढता है, इन अलौकिक शक्तियों को प्रसन्न करके अपना कार्य सिद्ध करना चाहता है। ऐसी शक्तियों को तंत्र, मंत्र एवं स्तोत्रों द्वारा प्रसन्न किया जाता है।
किसी भी कामना - सिद्धि के लिए इन तंत्रों, मंत्रों और स्तोत्रों को सिद्ध करना अत्यन्त आवश्यक है। इसके लिए विधि-विधान की आवश्यकता होती है। प्रस्तुत पुस्तक में प्रमुख तंत्रों को चुना गया है। और उन्हें प्रभावकारी बनाने की सरल विधि की खोज की गई है। आस्था और विश्वास के साथ सम्बन्धित तंत्र को प्रयोग करेंगे तो मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी।