"जिंदगी कभी भी फुल-स्टॉप नहीं लगाती. स्याह कल से सफ़ेद कल तक का सफ़र ही जिंदगी है. इसलिए कभी भी जिदंगी रीस्टार्ट करने से पहले एक बार रिवाइंड जरुर कीजिये." प्रस्तुत कहानी में आज के दौर की जिंदगी की कशमकश को दिखाने की कोशिश की गई है, कि कैसे अपने अतीत के खुशनुमा पलों को दुबारा जीकर हम आज के अपने अकेलेपन से जीत सकते है. साथ ही समाज की तमाम कुरीतियों में से एक सबसे बड़ी कुरीति दहेजप्रथा और दहेजलोभियों पर कटाक्ष करके उनको आइना दिखाने की कोशिश भी की गई है और साथ ही साथ हमारी कुछ सामजिक और सरकारी व्यवस्थों पर व्यंगपूर्ण, लेकिन बहुत ही तीखा प्रहार किया गया है. कहानी आज के परिवेश के हिसाब से और बहुत ही आम बोल चाल की भाषा (हिंदी और हिंदी मिश्रित इंग्लिश) में लिखी गई है और जहाँ जरुरत है सिर्फ वहां ही (कहीं - कहीं स्वादनुसार भी) गलियों का प्रयोग किया गया है, क्यूंकि हम सिर्फ वही लिख सकते है जो हम ने जीया है, हम ने महसूस किया है, अब आज के समय के दो जिगरी दोस्त आपस में " कैसे हो मित्र " इस तरह की भाषा का प्रयोग तो नहीं कर सकते. "यह एक दम पारिवारिक पुस्तक है, घर के सभी सदस्य पढ़ सकते है लेकिन अकेले अकेले" " ये जिंदगी है के शोर में डूबी जा रही और मौत है, जो एक दस्तक भी मुनासिब नही
ThriftBooks sells millions of used books at the lowest everyday prices. We personally assess every book's quality and offer rare, out-of-print treasures. We deliver the joy of reading in recyclable packaging with free standard shipping on US orders over $15. ThriftBooks.com. Read more. Spend less.