इस पुस्तक का साधारण सा उद्देश्य है- सांप्रदायिकता के मुद्दे को एक विस्तृत इतिहासबोध और समकालीन सन्दर्भों के माध्यम से इसकी विकास यात्रा को प्रकाशित करना। सांप्रदायिकता जैसी गंभीर समस्या को समझने के क्रम में इसकी अवधारणा, अतीत और वर्तमान का संयुक्त अध्ययन तथा इसके सम्पूर्ण विकास के विभिन्न चरण का विश्लेषण अपेक्षित है। यह पुस्तक साम्प्रदायिकता की अवधारणा, इसके उदय के प्रमुख कारक और एक गंभीर सामाजिक समस्या के रूप में साम्प्रदायिकता के उद्भव और विकास और इसके हर संभव परिप्रेक्ष्य को विश्लेषित करने का प्रयास है। आशा है, यह पुस्तक साम्प्रदायिकता की समस्या की वैचारिकी और इसके ऐतिहासिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य की साधारण और मूलभूत समझ को विकसित करने में सहायक सिद्ध होगी।
अमरेन्द्र कुमार