Skip to content
Scan a barcode
Scan
Paperback Mastarba [Hindi] Book

ISBN: 8195304583

ISBN13: 9788195304585

Mastarba [Hindi]

शिक्षा का अधिकार, हमारा मौलिक अधिकार और उसे घर-घर तक ले जाने हेतु जिन माध्यमों की आवश्यकता होती है उसमें से एक हैं शिक्षक अर्थात गुरु । हालाँकि, गुरु तो वह प्रत्येक व्यक्ति है जिससे हम शिक्षा ग्रहण करते हैं पर सरकार ने जिसे अपना ठप्पा लगाकर एक नाम दिया है, "वह है मास्टर" । आप, जब चाहे जहाँ चाहे, कठिन से कठिन या सरल से सरल, प्रत्येक काम के लिए इस प्राणी को अनुकूल पाएंगे । यह निर्भर करता है आप पर कि आप कैसे और किन परिस्थितियों में इन्हें अनुकूल समझते हैं । पढाई-लिखाई के अलावे जितने भी काम हैं उनको करने में इन्होंने निपुणता हासिल कर ली है । ऐसा भी नहीं है कि वे पढाना नहीं चाहते या इन्हें पढ़ाई से नफरत है लेकिन परिस्थितियों के बोझ ने इन्हें गुरु से मास्टर बना दिया । पेट की आग, कच्चा या पका खाना नहीं समझता वह तो आगे आने वाले निवाले को ही मुँह में डालता है । बेराजगारों की फौज की थाली में आया नियोजित मास्टर की नौकरी, वह भी बिना किसी मशक्कत के, भला इस अवसर को कौन चूकना चाहता । न उम्र की सीमा न परीक्षा का बंधन, नंबर लाओ नौकरी पाओ की होड़ चली । पिता-पुत्र दोनों एक साथ मास्टर बनने के लिए कतारबद्ध थे । नौकरी तो मिल गयी पर परिणाम हुआ शिक्षक और गुरु, चारहजरिया, पì

Recommended

Format: Paperback

Condition: New

$19.37
50 Available
Ships within 2-3 days

Related Subjects

Fiction Literature & Fiction

Customer Reviews

0 rating
Copyright © 2025 Thriftbooks.com Terms of Use | Privacy Policy | Do Not Sell/Share My Personal Information | Cookie Policy | Cookie Preferences | Accessibility Statement
ThriftBooks ® and the ThriftBooks ® logo are registered trademarks of Thrift Books Global, LLC
GoDaddy Verified and Secured