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Paperback Kayakalp (कायाकल्प) [Hindi] Book

ISBN: 8128400010

ISBN13: 9788128400018

Kayakalp (कायाकल्प) [Hindi]

'कायाकल्प के कालचक्र में आगरा में साम्प्रदायिक दंगे प्रारंभ होते हैं। गांधीवादी विचारधारा का प्रयोग करके चक्रधर उपद्रव शान्त करता है। ग्राम जगत में जमींदार के शोषण का प्राधान्य है। जनता इसके विरोध में उठ खड़ी होती है। इन्हीं सूत्रों के साथ मुंशी बज्रधर और उनके परिवार की रोचक कथा भी लिपटी हुई है। पुराने दरबारी बज्रधर का जीवन चाटुकारिता का रूप है। नेता बन जाने पर भी चक्रधर न जाने क्यों वैराग्य ले लेता है।
इस उपन्यास की केन्द्रीय समस्या पृथ्वी पर न्याय की खोज है। उपन्यास में यत्र-तत्र ऐसे विचार पहज प्राप्त हैं... ईश्वर ने ऐसी सृष्टि की रचना ही क्यों की, जहां इतना स्वार्थ, द्वेष और अन्याय है। क्या पृथ्वी नहीं बन सकती थी जहां सभी मनुष्य, सभी जातियां प्रेम और आनंद के साथ संसार में रहतीं? यह कौन सा इंसाफ है कि कोई तो दुनिया में मजे उड़ाए, कोई धक्के खाए?

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Format: Paperback

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