महीप सिंह जन्म 15 अगस्त, 1930 को उ.प्र. के जिला उन्नाव में। शिक्षा एम.ए. (हिंदी), पी-एच.डी. आगरा, विश्]वविद्यालय, आगरा। प्रकाशन सोलह कहानी संग्रह, 'यह भी नहीं' (पंजाबी, गुजराती, मलयालम, अंग्रेजी में भी प्रकाशित), 'अभी शेष है' (उपन्यास), दो व्यंग्य संग्रह, 'कुछ सोचा कुछ समझा' (निबंध संग्रह), 'गुरु गोबिंद सिंह और उनकी हिंदी कविता', 'आदिग्रंथ में संगृहीत संत कवि', 'सिख विचारधारा गुरु नानक से गुरु ग्रंथ साहिब तक' (शोधग्रंथ), 'गुरु गोबिंद सिंह जीवनी और आदर्श', 'गुरु तेगबहादुर जीवन और आदर्श', 'स्वामी विवेकानंद' (जीवनी), 'न इस तरफ', 'गुरु नानक जीवन प्रसंग', 'एक थी संदूकची' (बाल सहित्य), 'सचेतन कहानी रचना और विचार', 'पंजाबी की प्रतिनिधि कहानियाँ', 'गुरु नानक और उनका काव्य, विचार कविता की भूमिका', 'लेखक और अभिव्यक्]ति की स्वाधीनता', 'हिंदी उपन्यास समकालीन परिदृश्य', 'साहित्य और दलित चेतना', 'जापान साहित्य की झलक', 'आधुनिक उर्दू साहित्य, विष्णु प्रभाकर व्यक्]तित्व और साहित्य' (संपादित), चार दशकों से 'संचेतना' का संपादन। संप्रति स्वतंत्र लेखन।
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