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Paperback Hone Ka Dukh: Khand Do [Hindi] Book

ISBN: 9387462080

ISBN13: 9789387462083

Hone Ka Dukh: Khand Do [Hindi]

हमारी परम्परा में यह माना गया है कि गद्य कवियों का निकष होता है। यह निरा संयोग नहीं है कि प्राय सभी भारतीय भाषाओं में महत्त्वपूर्ण कवियों ने अच्छा, सरस और रोशनी देनेवाला गद्य लिखा है। हम इस पुस्तक माला में ऐसा कवि-गद्य प्रस्तुत करने के लिए सचेष्ट हैं। शंख घोष न सि$र्फ इस समय बाङ्ला के सबसे बड़े कवि हैं, वे भारतीय कवि-समाज में भी मूर्धन्य हैं। उनका गद्य हम दो खण्डों में प्रस्तुत कर रहे हैं। यह दूसरा संचयन है। हम मानते हैं कि इसे हिन्दी में ला कर हम हिन्दी के सर्जनात्मक-बौद्धिक भूगोल में कुछ विस्तार कर रहे हैं। स्वयं हिन्दी की आलोचना-भाषा में इससे कुछ उद्वेलन सम्भव है। यह उनकी सूक्ष्म जीवन और काव्य-दृष्टि का साक्ष्य है कई विषयों पर नये ताज़े ढंग से सोचने के लिए हमें प्रेरित भी करता है। उनके यहाँ बारहा ऐसे अनुभवों को गद्य में रूपायित करने की चेष्टा है जो अक्सर गद्य के अहाते से बाहर रहे आये हैं।-अशोक वाजपेयी

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