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Paperback Bhakta Prahlada भक्त प्रहलाद (Hindi Edition) [Hindi] Book

ISBN: 1715344375

ISBN13: 9781715344375

Bhakta Prahlada भक्त प्रहलाद (Hindi Edition)

हिरण्यकशिपु अपने भाई की मौत का बदला लेना चाहता था जिसे भगवान विष्णु ने मारा था। इसलिए अपने आपको शक्तिशाली बनाने के लिए उन्होंने वर्षों तपस्या की। आखिरकार उसे वरदान मिला। लेकिन इससे वे खुद को भगवान समझने लगा। हिरणकशिपु को एक बेटा था जिसका नाम प्रहलाद था और वह भगवान विष्णु का परम भक्त था। पिता की इच्छा के विपरीत प्रहलाद भगवान विष्णु की पूजा करता रहा। बेटे द्वारा भाई के शत्रु की पूजा करना हिरणकशिपु को बहुत खल रहा था। हिरणकशिपु ने प्रह्लाद को ऐसा न करने का हर संभव प्रयास किया परन्तु प्रह्लाद अपनी जिद्द पर अडिग रहा। थक हारकर आखिरकार उसने अपनी बहन होलिका से कहा कि वो प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ जाए क्योंकि उन्हें यह अहम् था की होलिका आग में जल नहीं सकती। उनकी योजना प्रहलाद को जलाकर समाप्त करने की थी, लेकिन उनकी योजना सफल नहीं हो सकी क्योंकि प्रहलाद हर समय राम राम जपता रहा और बच गया एवं होलिका जलकर राख हो गई।

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Format: Paperback

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