हर शहर का अपना एक रंग और मिजाज होता है। शहर के आस्वादन के तरीके भी अलग-अलग होते हैं। प्रयाग (इलाहाबाद नहीं लेखक ने इसे सायास प्रयाग कहा है) अपनी तमाम ऐतिहासिकता के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते नौजवानों के लिए एक ख्यातिप्राप्त शहर है। लेखक ने मुख्यतः शहर के इस चरित्र को ही किताब का प्रतिपाद्य बनाया है। यहाँ नौजवान प्रतियोगियों की एक भरी-पूरी दुनिया है, जिसमें अध्ययन, किताबें, नोट्स के अतिरिक्त जीवन की वह तमाम जद्दोजहद है, जो इस शहर की अंदरूनी लय में एकमएक हो जाती है। चूँकि यहाँ आनेवाले प्रतियोगियों में से अधिकांश हिंदी पट्टी के ग्रामीण क्षेत्रों से ताल्लुक रखते हैं, अतः नितांत मूलभूत कार्य-व्यवहार में उनके अनुभव दिलचस्प हो जाते हैं। यह वह दुनिया है, जिसमें सफलता-असफलता के बराबर उदाहरण मौजूद मिलते हैं। यह वह दुनिया है, जिसमें पूर्व से निवासरत कथित सीनियर अपने ज्ञान और अनुभव से आतंकित करता है, जहाँ प्रेम भी आता है तो नितांत एकतरफा; जहाँ अंधकार में भटकता युवा ज्योतिष-सामुद्रिक-हस्तरेखा ज्ञान में भी समाधान ढूँढ़ता है; जहाँ भटकन भी है, भोलापन भी और चालाकी भी। रयाल निस्संदेह तैयार लेखक हैं। संस्मरणात्मक शैली म
ThriftBooks sells millions of used books at the lowest everyday prices. We personally assess every book's quality and offer rare, out-of-print treasures. We deliver the joy of reading in recyclable packaging with free standard shipping on US orders over $15. ThriftBooks.com. Read more. Spend less.