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Hardcover Agni Raag [Hindi] Book

ISBN: 9387980979

ISBN13: 9789387980976

Agni Raag [Hindi]

'अग्नि-राग' समकालीन संदर्भों में नारी-सशक्तीकरण की कहानी है। धधकती अग्नि-ज्वाला में जलती-झुलसती दीपिका की कहानी। विवाह का झाँसा देकर एक डॉक्टर वर्षों उसका यौन-शोषण करता है। जब युवती को डॉक्टर का विवाह अन्यत्र तय हो जाने की सूचना मिलती है, तो वह किस प्रकार प्रतिशोध लेती है-इसका उपन्यास में चित्रण है। बलात्कार-पीडि़ता के प्रति समाज की प्रतिक्रिया, मीडिया की प्रतिक्रिया, कानून की प्रतिक्रिया आदि का यह ऐसा विश्वसनीय आख्यान है, जिसमें अनुरंजन और चिंतन दोनों मौजूद हैं। बलात्कार के आँकड़े बताते हैं कि औरत दिनोदिन असुरक्षित हुई है। घर, स्कूल, सड़क, खेत-खलिहान-कहाँ पर 'निर्भयाकांड' नहीं होते? देह-शोषण की शिकार औरत अमूमन लोक-लाज अथवा ग्लानि के चलते अपना मुँह बंद रखती है या फाँसी के फंदे पर झूल जाती है। किंतु जब किसी रेप-पीडि़ता के भीतर आग धधक उठती है, तो वह अपने अर्धनारीश्वर रूप में एक मिसाल बन जाती है। नारीगत कोमलता और पौरुषेय कठोरता की धूपछाँही द्युति एक विलक्षण आलोक-लोक सिरज देती है। यही अग्नि-राग है। पंचतत्त्वों से बने हर मानव शरीर में अग्नि का वास है, कहीं कम, कहीं ज्यादा। इसलिए यदि 'अग्नि-राग' की दीपिका अपनी नन्ही सी लौ से अन्य र

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Format: Hardcover

Condition: Good*

*Best Available: (ex-library)

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