चंद्रकांता देवकी नंदन खत्री की एक अमर हिंदी क्लासिक है, जो प्रेम, रोमांच और फंतासी का अद्भुत संगम प्रस्तुत करती है। राजसी साम्राज्यों और जादुई तिलिस्मों की पृष्ठभूमि में रची गई यह कहानी राजकुमारी चंद्रकांता और राजकुमार वीरेंद्र सिंह के प्रेम और संघर्ष की है। वे रहस्यमय जालों, शत्रुओं की चालों, और जादुई रहस्यों को पार करते हुए अपने प्यार को पाने की कोशिश करते हैं। यह उपन्यास भारतीय साहित्य में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसने पाठकों को रोमांच और रहस्य से भरी एक अद्वितीय दुनिया से परिचित कराया। देवकी नंदन खत्री की कल्पनाशील शैली और सजीव वर्णन ने चंद्रकांता को हिंदी साहित्य का एक अद्वितीय और स्थायी रत्न बना दिया है, जिसने फिल्म और टेलीविजन में भी प्रेरणा दी है और भारतीय फंतासी कथा की आधारशिला के रूप में अपनी पहचान बनाई है।